आज इस पोस्ट में हम दीपावली के बारे में आपको विस्तार से जानकारी दे रहे हैं। दीपावली एक ऐसा त्यौहार है जो भारतवर्ष में अधिकतर हर घर में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। दीपावली को दीपों का त्यौहार भी कहा जाता है। इस दिन लक्ष्मी जी और गणेश जी का पूजन किया जाता है और पटाखे फोड़े जाते हैं। खासकर बच्चो में इस त्यौहार का उल्लास देखते ही बनता है।
दीपावली के ऊपर निबंध। 10 लाइन दीपावली के ऊपर। दीपावली का महत्त्व। हिन्दू धर्म में दीपावली का महत्त्व। दीपावली क्यों मनाई जाती है ?
दीपावली 2021 कितने तारीख का है वह बताइए? What is the date of Deepawali 2021 ?
हिंदू पंचांग के अनुसार, दीपावली का त्यौहार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष के अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस साल दीपावली 04 नवंबर, 2021 दिन गुरुवार को है। माना जाता है की दीपावली पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से सुख-समृद्धि और यश की प्राप्ति होती है।

माँ लक्ष्मी और गणेश जी महाराज का पूजन कैसे करे? What is the process to worship Maa Lakshmi and Ganesh ji?
-दीपावली पूजन के लिए सबसे पहले जरूरी सामान एक जगह इकट्ठा कर ले। जैसे लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति या प्रतिमा, सरस्वती जी की प्रतिमा, कमल व गुलाब के फूल, पान का पत्ता, रोली, केसर, चावल, सुपारी, फल, मिठाई, फूल, दूध, गंगाजल, इत्र, खील, बताशे, मेवे, शहद, दही, दीपक, रुई , कलावा, पानी वाला जटाधारी नारियल, तांबे का कलश, स्टील या चांदी का कलश, चांदी का सिक्का, आटा, तेल, लौंग, लाल या पीला कपड़ा, घी, चौकी और एक थाली।
-उसके बाद एक चौकी लें उस पर गंगाजल छिड़कें। फिर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर मां लक्ष्मी व गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें। कुछ लोग सफ़ेद कपडा भी इस्तेमाल करते हैं।
– अब पूजा के जलपात्र में से जल लेकर मूर्ति पर छिड़ककर शुद्धिकरण कर लें।
– अब हाथ में जल लेकर पूजा का संकल्प लें। संकल्प के बाद हाथ में अक्षत, फूल, जल और एक रुपए का सिक्का लेकर संकल्प करें। कि मैं मां लक्ष्मी तथा गणेशजी की पूजा करने जा रहा हूँ या जा रही हूँ , जिससे मुझे इस पूजा का फल प्राप्त हों|
– अब भगवान गणेश और लक्ष्मी जी की पूजा करें। लक्ष्मी जी के पास चावलों पर जल से भरा कलश रखें। कलश पर रोली से सतिया बना लें।
– अब कलश पर एक मोली की 5 गांठे बांध दें। इसके बाद उस पर आम के पत्ते रखें।
– पूजा स्थल पर पंच मेवा, गुड़, फूल, मिठाई, घी, कमल का फूल, खील बताशे, फल आदि भगवान गणेश और मां लक्ष्मी के आगे रखें।
– अब भगवान गणेश और लक्ष्मी जी की मूर्ति के आगे 7, ११ या 21 दीपक जलाएं।
– एक घी का और एक सरसों के तेल का बड़ा दीपक पूजा स्थान पर जलाकर जरूर रखें।
– अब भगवान की आरती उतार कर उन्हें भोग लगाएं।
– लक्ष्मी पूजन के दौरान समृद्धि के लिए गहनों और पैसों की भी पूजा की जाती है।
– अंत में जलाए गए दीपकों को घर के कोने कोने में रख दें। सभी छोटे अपने बड़ों का आशीर्वाद ले और प्रसाद ग्रहण करें। इस तरह से दीपावली पूजन संपन्न हो जायेगा।

दीपावली के ऊपर निबंध / Essay on Deepawali
- दीपावली विशेषकर हिन्दुओ का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है। लेकिन यह त्यौहार भारतवर्ष में हर धर्म के लोग किसी न किसी रूप में मानते हैं चाहे वो पटाखे छोड़ कर ही हो। सभी लोग चाहे वो बड़े हो या बच्चे सभी यह त्यौहार बड़े हर्षो-उल्लास के साथ मानते है। प्रत्येक वर्ष यह त्यौहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष के अमावस्या तिथि को मनाया जाता है जो अक्टूबर या नवंबर के महीने में आता है। ”दीपावली”दीपों का त्यौहार है। इसलिए इस दिन सभी लोग अपने घरो में दिए जलाते हैं और बहुत सारी लाइट लगते हैं। दीपावली के त्योहार पर लोग अपने घर की अच्छे से सफाई करते है , रंग रोगन कराते हैं और अच्छे से अपने घरों को सजाते हैं। माना जाता है की साफ़ सुन्दर और सजे हुए घरों में ही दीपावली पर लक्ष्मी जी आती हैं। अन्य धर्मों के द्वारा भी इस त्यौहार को अलग-अलग रूप में मनाया जाता है। सभी लोग और बच्चे इस त्यौहार का इन्तजार पूरे साल करते हैं।
- भारत देश में अनेक प्रकार के त्यौहार मनाये जाते है लेकिन उन सभी त्योहारों में सबसे बड़ा त्यौहार दीपावली का त्यौहार है। पौराणिक कथाओं के अनुसार दीपावली के त्यौहार को इसलिए मनाया जाता है की 14 वर्ष के वनवास और रावण का वध करके भगवान् श्री राम अपनी जन्मभूमि अयोध्या लौटे थे। इसलिए वहां के लोगो के द्वारा इस दिन घी के दिए जलाये गए थे तब से ही दीपावली का त्यौहार प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है। दीपावली में सभी लोग विभिन्न प्रकार के उपहार अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों को देते है। बच्चे भी इस त्यौहार को बहुत उल्लास के साथ मानते हैं। दीपावली पूजन के बाद सभी घर के लोग बच्चो के साथ मिलकर फुलझड़ी और पटाखे जलाते हैं और उस समय की रौनक देखते ही बनती है।
- दिवाली से दो दिन पहले धनतेरस का त्यौहार मनाया जाता है इस दिन लोग अपने घर के लिए कोई वस्तु खरीदते हैं फिर चाहे वो कोई जेवर हो या बर्तन सब अपने सामर्थ्य अनुसार कुछ न कुछ जरूर लेते हैं। इस दिन घर के लिए नई झाड़ू भी ली जाती है और उसे भी पूजा में रखा जाता है। इस दिन लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। इसके अगले दिन छोटी दीपावली मनाई जाती है। इस दिन भगवान् श्री कृष्ण जी की पूजा होती है। माना जाता है की इस दिन श्री कृष्ण जी ने राक्षस राजा नारकसुर को मार दिया था। छोटी दीपावली के बाद मुख्य दीपावली मनाई जाती है। उसके बाद अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। ये पूजा भी श्री कृष्ण जी के रूप में की जाती है इस दिन दरवाजे में लोगो के द्वारा गोबर की प्रतिमा बनाकर पूजा की जाती है, और साथ ही पांचवां दिन भाई दूज या यम द्वितीया के रूप में मनाया जाता है भाई दूज के त्यौहार को बहन और भाई के द्वारा मनाया जाता है। सभी बहनो के द्वारा इस दिन भाई की पूजा की जाती है और भाई को नारियल दिया जाता है। भाई की लम्बी उम्र के लिए भगवान् से प्रार्थना की जाती है।
- दीपावली भारतवर्ष का सबसे बड़ा त्यौहार है और हर वर्ष यह त्यौहार बड़े हर्ष-उल्लास के साथ मनाया जाता है। दीपावली को खुशियों का त्यौहार कहा जाता है। दीपावली में पांच दिनों तक अलग-अलग त्यौहार मनाये जाते है। दशहरा खत्म होते ही दीपावली की तैयारियां देश भर में शुरू हो जाती है। दिवाली के त्यौहार को अमावस्या की रात को मनाया जाता है। माना जाता है की भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे तो उसी ख़ुशी में अयोध्यवासियों के द्वारा घी के दीये जलाये गए थे। उसी दिन से दीपावली के त्यौहार को बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है।
- दीपावली दीपों का त्यौहार होने के कारण सभी के मन को आलोकित करता है इस त्यौहार के आने से सभी घरों में अलग ही रौनक हो जाती है। दीपावली के दिन रात में माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है और उनसे प्रार्थना की जाती है की वो हमेशा हमारे ऊपर अपनी कृपा बनाये रखें। दीपावली में विभिन्न प्रकार की मिठाई और स्वादिष्ट व्यंजन बनाये जाते है। खील-बताशे का प्रसाद दीपावली के त्यौहार में चढ़ाया और बांटा जाता है। दीपावली में फुलझड़ी, पटाखे आदि बहुत तरह के पटाखों को जश्न के रूप में फोड़ा जाता है ,असंख्य दीपों की रंग-बिरंगी रोशनियां मन को अपने तरफ आकर्षित कर लेती है। बाजारों दुकानों,और घरों की सजावट दर्शनीय रहती है। इस त्यौहार में अमीर-गरीब का भेदभाव भूलकर सभी लोग मिल जुलकर त्यौहार को मनाते है। दीपावली की शुभकामनाएं एक-दूसरे को गले लगाकर दी जाती है। मेहमानो का स्वागत विभिन्न प्रकार की मिठाई और व्यंजनों से किया जाता है। दीपावली खुशियों का त्यौहार है और सभी को इसे प्यार और सुरक्षित तरीके से मानना चाहिए।

हिन्दू धर्म में दीपावली का महत्त्व / Importance of Deepawali in Hindu Religion
1- 14 वर्ष के वनवास के बाद जब राजा राम अयोध्या वापस लौटे, तब अपने राजा की वापसी की ख़ुशी में सभी लोगों ने नगर को सजाकर और दीपक जलाकर उनका स्वागत किया, उस दिन अमावस्या की कल रात्रि थी लेकिन दीयों की रौशनी से पूरा नगर जगमगा उठा। ऐसा माना जाता है की तभी से ही यह त्यौहार पांच दिन तक मनाया जाता है। सभी दिनों के साथ कुछ धार्मिक कथायें जुड़ी हुई है।
2- दीपावली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और ये दिन लोगों को याद दिलाता है कि सच्चाई की हमेशा ही जीत होती है.
3- माना जाता है कि इस दिन पटाखे फोड़ना शुभ होता है और इनकी आवाज पृथ्वी पर रहने वाले लोगों की खुशी को दिखाती है।
4- दीपावली के दिन लक्ष्मी मां की पूजा करना बहुत शुभ होता है और ऐसा माना जाता है कि अगर सच्चे मन से इस दिन लक्ष्मी मां की पूजा की जाए तो घर में पैसों की कमी नहीं होती है।
5- इस त्यौहार पर लोग उपहारों का आदान प्रदान करते हैं और मिठाई से एक दूसरे का मुंह मीठा करवाते हैं और ऐसा करने से उनके बीच में प्यार बना रहता है। ये त्योहार लोगों में आपसी प्रेम बनाये रखने का भी कार्य करता है।
6- माना जाता है कि इस दिन मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था और उनका विवाह भी भगवान विष्णु से इसी दिन हुआ थ। कहा जाता है कि हर साल इन दोनों की शादी का जश्न हर कोई अपने घरों को रोशन करके मनाता है।
7- माना जाता है कि विष्णु के पांचवें अवतार ने कार्तिक अमावस्या के दिन मां लक्ष्मी को राजा बाली की जेल से छुड़वाया था और इसके चलते ही इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
8- महाभारत के अनुसार कार्तिक अमावस्या के दिन ही पांडवों का वनवास पूरा हुआ था और इसी खुशी में इनसे प्रेम करने वाले लोगों ने अपने घरों में दीये जलाए थे।
9- देश के महाराजा विक्रमादित्य जिन्होंने दुनिया के सबसे बड़े साम्राज्य पर राज किया था, उनका राज तिलक भी इसी दिन किया गया था।
10- देवकी नंदन श्री कृष्ण ने नरकासूर राक्षस का वध भी दीपावली से एक दिन पूर्व किया था, जिसके बाद इस त्योहार को धूमधाम से मनाया गया था।
11- इस दिन भगवान राम जी अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अपना 14 साल का वनवास सफलता पूर्वक पूरा करके, अपने जन्म स्थान अयोध्या में लौटे थे और इनके आने की खुशी में अयोध्या के निवासियों ने दीपावली मनाई थी। जब से लेकर अब तक हमारे देश में इस त्योहार को हर वर्ष मनाया जाता है।
12- इस दिन हिंदू व्यवसाय का नया साल शुरू हो जाता है और व्यवसायी इस दिन अपने खातों की नई किताबें शुरू करते हैं और नया साल शुरू करने के पहले अपने सभी ऋणों का भुगतान करते हैं।
10 लाइन दीपावली के ऊपर / 10 lines on Deepawali / 10 लाइन्स दीपावली पर हिंदी में | छोटे वाक्य
1- दीपावली रोशनी और खुशियों का त्यौहार है। यह दिन बुराई के ऊपर सच्चाई की जीत का प्रतीक है।
2- हमें दीपावली का त्यौहार प्रदुषण करने वाले पटाखे जलाकर नहीं बल्कि पर्यावरण के अनुकूल पटाखे जलाकर, रोशनी करके, मिठाइयां बांटकर और अपने दोस्तों रिश्तेदारों से मिलकर मानना चाहिए।
3- दीपावली का त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है जो ज्यादार अक्टूबर या नवंबर के महीने में होता है।
4- माना जाता है कि इस दिन राजा राम अपना १४ वर्ष का वनवास पूरा करके अपनी जन्मभूमि अयोध्या लौटे थे तो इसी ख़ुशी में वह की प्रजा ने दिए जलाकर उनका स्वागत किया था।
5- दीपावली को दीपों का त्यौहार भी कहा जाता है। इस दिन लोग अपने घर की साफ़ सफाई करके उसे अच्छे से सजाते हैं।
6- इस दिन गणेश जी और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। भगवान कि सामने दिए जलाकर सभी अपने घर परिवार की सुख समृद्धि की प्रार्थना करते हैं।
7- रात के समय सभी परिवार मिलकर खासकर बच्चे फुलझड़ी और पटाखे जलाते हैं।
8- इस दिन लोग अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के घर जाते हैं और मिठाइयों का आदान प्रदान करते हैं।
9- दीपावली के दिन उपहार ख़रीदे जाते हैं जिन्हें दोस्तों, रिश्तेदारों में प्रेम के साथ दिया जाता हैं जिससे रिश्ते की डोर मजबूत होती है।
10- दीपावली में पकवानों का विशेष महत्त्व है। कई तरह के मीठे तथा नमकीन पकवान बनाये जाते है जो सभी बच्चे और बड़े ख़ुशी से खाते है।

दीपावली क्यों मनाई जाती है ? / Why do we celebrate Deepawali?
दीपावली हिन्दुओं के सबसे प्रमुख और बड़े त्योहारों में से एक है। यह खुशहाली, समृद्धि, शांति और सकारात्मक ऊर्जा का त्यौहार है। रोशनी का यह त्योहार बताता है कि चाहे कुछ भी हो जाए असत्य पर सत्य की जीत अवश्य होती है। हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार दीपावली के दिन ही श्री राम जी १४ वर्ष का वनवास काटकर वापस अयोध्या लौटे थे। माना जाता है कि अयोध्या वापस लौटने की खुशी में दीपावली मनाई गई थी। भरत की माता कैकई श्री राम को उनके पिता दशरथ से वनवास भेजने के लिए वचनबद्ध कर देती है। मर्यादा पुरुषोत्तम राम अपने पिता के आदेश को मानते हुए अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष के लिए वनवास पर चले जाते है। और फिर 14 वर्ष का वनवास पूरा करने के बाद श्री राम जी दीपावली के दिन अयोध्या वापस लौटे थे। राम जी के वापस आने की खुशी में पूरे राज्य के लोगों ने रात में दीप जलाए थे और खुशियां मनाई थी। उसी समय से दीपावली मनाई जाती है।
बौद्ध धर्म में दीपावली कैसे मनाई जाती है? How do Deepawali celebrated in Buddh Religion?
बुद्ध धर्म में भी वैसे तो दीपावली हिदुओं की तरह ही मनाई जाती है लेकिन नेपाल में बुद्ध धर्म के अनुयायी इसे कुछ अलग कारणों से भी मनाते हैं। माना जाता है कि इसी दिन सम्राट अशोक ने सब कुछ छोड़कर शांति और अहिंसा का मार्ग चुना था और बुद्ध धर्म ग्रहण किया था। इस दिन सभी अनुयायी मंत्रों का जाप करते हैं और भगवान बुद्ध को याद करते हैं।
हिंदी में दिवाली कैसे लिखते हैं? How do we write Diwali in Hindi?
‘दीपावली’ संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है – दीप + आवली। ‘दीप’ का अर्थ होता है ‘दीपक’ तथा ‘आवली’ का अर्थ होता है ‘श्रृंखला’, जिसका मतलब होता है दीपों की श्रृंखला या दीपों की पंक्ति। दीपावली का त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। इस रात में बहुत ज्यादा अँधेरा होता है तो बहुत सारे दीपक जलाकर उजाला फैलाकर यह त्योहार दुनिया भर के लोगों द्वारा बहुत ही हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है।
दीपावली का प्राचीन नाम क्या है? What is the ancient name of Deepawali?
दीपावली का त्योहार कब से मनाना प्रारंभ किया गया इस बारे में बहुत सारे तथ्य और कहानियां है । माना जाता है कि रामायण काल में राम के अयोध्या आगमन के समय दीपावली मनाई गई थी तभी से यह त्योहार प्रचलन में है परंतु इस त्योहर से जुड़े और भी कई तथ्य हैं। दीपावली को “तिहार” या “स्वन्ति” के रूप में जाना जाता है। यह त्यौहार भारत में पांच दिन की अवधि तक मनाया जाता है।
दीपावली के दिन सुबह सुबह क्या करना चाहिए? What we have to do in the early morning on Deepawali?
1- दीपावली के दिन सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर घर की सारी साफ़ सफाई करनी चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से शुभता की प्राप्ति होती है।
2- घर को फूल, आम के पत्तों और रंगोली आदि से सजाना चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा करने से घर में बरकत होती है।
3- सुबह तेल का दिया जलाकर और चूरमा बनाकर हनुमान जी का भोग लगाना चाहिए।
4- दीपावली पूजन में गाय के घी का इस्तेमाल करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी अपनी कृपा बरसाती हैं।
5- घर के प्रवेश द्वार के दोनों ओर दीपक जलाना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
दीपावली में पटाखों का महत्व | Significance of crackles on the eve of Deepawali
दीपावली को “रोशनी का त्योहार” कहा जाता है। लोग मिट्टी के बने दीपक जलाते हैं। फुलझड़ी और पटाखे जलाने से भी रोशनी होती है। माना जाता है कि इस दिन पटाखे फोड़ना शुभ होता है और इनकी आवाज पृथ्वी पर रहने वाले लोगों की खुशी को दिखाती है। बच्चों को पटाखे जलाना और विभिन्न तरह की आतिशबाजी जैसे फुलझड़ियां, रॉकेट, अनार , चक्री आदि बहुत पसंद होते हैं।

दीपावली पर पूजा का विधान | How to do worship on Deepawali
दीपावली पूजन के लिए सबसे पहले जरूरी सामान एक जगह इकट्ठा कर ले। जैसे लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति या प्रतिमा, सरस्वती जी की प्रतिमा, कमल व गुलाब के फूल, पान का पत्ता, रोली, केसर, चावल, सुपारी, फल, मिठाई, फूल, दूध, गंगाजल, इत्र, खील, बताशे, मेवे, शहद, दही, दीपक, रुई , कलावा, पानी वाला जटाधारी नारियल, तांबे का कलश, स्टील या चांदी का कलश, चांदी का सिक्का, आटा, तेल, लौंग, लाल या पीला कपड़ा, घी, चौकी और एक थाली।
अब भगवान गणेश और लक्ष्मी जी की पूजा करें। लक्ष्मी जी के पास चावलों पर जल से भरा कलश रखें। कलश पर रोली से सतिया बना लें।
अब भगवान गणेश और लक्ष्मी जी की मूर्ति के आगे 7, ११ या 21 दीपक जलाएं।
अंत में जलाए गए दीपकों को घर के कोने कोने में रख दें। सभी छोटे अपने बड़ों का आशीर्वाद ले और प्रसाद ग्रहण करें। इस तरह से दीपावली पूजन संपन्न हो जायेगा।

दीपावली से संबंधित सवाल और जवाब | Questions and Answers based on Deepawali
Q:1 Who is the husband of Goddess Lakshmi?
Ans: Lord Vishnu
Q:2 Who killed Narakasura and when?
Ans: Lord Krishna, Dwapar Yuga
Q:3 What type of oil is traditionally used in oil lamps lit during Deepavali?
Ans: Mustard Oil
Q:4 What is Diwali also known as?
Ans: Festival of Lights
Q:5 Which empire was Lord Rama the ruler of?
Ans: Ayodhya
Q;6 Which Hindu month is Diwali observed on?
Ans: Kartik